tag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post4750484541387720400..comments2023-05-08T15:51:09.145+06:30Comments on जालिम हिमाचली: काश! मैं परिपूर्ण होताAdminhttp://www.blogger.com/profile/13066188398781940438noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-85566835908427570222007-05-22T00:44:00.000+06:302007-05-22T00:44:00.000+06:30सुनील सुबह से कई बार पढी है आपकी कविता मगर सोच रही...सुनील सुबह से कई बार पढी है आपकी कविता मगर सोच रही थी कि क्या लिखूँ सभी की तरह क्या कोई सलाह दूँ मगर ये गलत होगा यदी मुझे कहते कविता में गलतियाँ देखनी है तो मै कविता नही पढ पाऊँगी,...मैने जो पढा तो महसुस किया की संसार में पूर्ण कौन है...आपकी कविता मगर अपने आप मे पूर्ण है,..एक बहुत ही भावुकता से भरी ...बहुत अच्छा लिखा है...मुख्यतः...<BR/>पर लगता है इस जग में कोई नहीं सम्पूर्ण है <BR/>यहीं तक की खुदा भी अधूरा ही है <BR/>तभी उसके संसार में दंगा-फसाद उसी के नाम पर होता है <BR/>सच तो यह है 'ज़ालिम' <BR/>कि स्वप्न भी अपूर्ण होता है <BR/>इसलिए कोई नहीं परिपूर्ण होता है<BR/>सुनीता चोटिया(शानू)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-62602769405765128312007-05-21T15:17:00.000+06:302007-05-21T15:17:00.000+06:30Hi sunil,aapko paheli bar padha hai.....bhaav paks...Hi sunil,<BR/>aapko paheli bar padha hai.....bhaav paksh bahut prabhavi hai....aapke sabdon me revolution saaf jhalakta hai....bas thoda presentation behatar karne ki koshish karen.,....baaki sab perfect.....keep writingAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-4413060279548108632007-05-21T08:47:00.000+06:302007-05-21T08:47:00.000+06:30आपकी कल्पना बहोत अच्छी है। कुछ पक्तियाँ जैसे:अकेल...आपकी कल्पना बहोत अच्छी है। कुछ पक्तियाँ जैसे:<BR/><BR/>अकेला सा महसूस करता हूं<BR/>सौ करोड़ से ज्यादा की भीड़ में<BR/><BR/>बहोत ही वजनदार हैं। मगर उन के बाद के शब्द वो वजन बरकरार रखने में कम पड़ गए। <BR/><BR/>एक बहोत अच्छा प्रयास। आप और भी लिखें और प्रकाशित करें। हम पढ़ने आयेंगे।<BR/><BR/>तुषार जोशी, नागपुरTushar Joshihttps://www.blogger.com/profile/03931011991029693685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-10061962626128545982007-05-21T00:00:00.000+06:302007-05-21T00:00:00.000+06:30आप भावों से भरे हुए कवि हैं, आपके विचारों को ले कर...आप भावों से भरे हुए कवि हैं, आपके विचारों को ले कर आपसे प्रभावित हुए बिना नही रहा जा सकता, शिल्प पर थोडी मेहनत करें<BR/><BR/>सस्नेह।<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-6761075221879543872007-05-19T22:56:00.000+06:302007-05-19T22:56:00.000+06:30दीपक,दरिया,सितारा,सोमरससबमें अपूर्णता का अक्सयही क...दीपक,दरिया,सितारा,सोमरस<BR/>सबमें अपूर्णता का अक्स<BR/>यही क्यू लगा <BR/>जब जीवन प्रवाह सतत<BR/><BR/>होने को तो एक सांस भी बहुत<BR/>होने को मौत भी शहादत <BR/>होने को तो एक किरकिरी भी बहुत<BR/>होने को सच्ची पल की इबादत<BR/><BR/>कहने को सब कुछ भले पूर्ण नहीं<BR/>मगर अपूर्ण हो सब एसा भी नही<BR/>कायनात है ये, होगे आगे भी जहां<BR/>जिये हर पल जीभर, ज़िदगी है यही<BR/><BR/>ज़ालिम जी , आपकी कविता काफ़ी ध्यान से पढने के बाद इमानदारी से जो टिप्प्णी बन पढ़ी सो दे दी आपके भाव अच्छे है, और इसी अच्छी भावना से सभी टिप्प्णियां स्वीकारें, आपमें और भी अच्छा लिखने कि असीम संभावनाए हैं शुभकामनांए.<BR/>-रेणू आहुजा.renu ahujahttps://www.blogger.com/profile/13612566545452095476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-9716605049509598692007-05-19T14:05:00.000+06:302007-05-19T14:05:00.000+06:30प्रयास अच्छा है,लिखते समय व्याकरण की ओर ध्यान दे.प...प्रयास अच्छा है,<BR/>लिखते समय व्याकरण की ओर ध्यान दे.<BR/>पढ्के अच्छा लगा,D shivanihttps://www.blogger.com/profile/00437903159155052385noreply@blogger.com