tag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post529170457909604403..comments2023-05-08T15:51:09.145+06:30Comments on जालिम हिमाचली: क्या बापू सचमुच मर चुके हैं ?Adminhttp://www.blogger.com/profile/13066188398781940438noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-75730259519487080602007-05-29T15:37:00.000+06:302007-05-29T15:37:00.000+06:30गांधीवाद को दिल में छुपा के रखें, क्योंकि यदि इसे ...गांधीवाद को दिल में छुपा के रखें, क्योंकि यदि इसे दुनिया के बाजार में अपनाएंगे तो सिर्फ ठेंगा ही पाएंगे.... जानता हूं बात कड़वी है, पर है तो सच.NK.https://www.blogger.com/profile/10138566174721262901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-17202742204338316412007-05-26T21:27:00.000+06:302007-05-26T21:27:00.000+06:30सुनिलजी,अच्छा व्यंग्य किया है आपने, मुझे खेद है कि...सुनिलजी,<BR/><BR/>अच्छा व्यंग्य किया है आपने, मुझे खेद है कि मैं इसे इतना विलम्ब से पढ़ पा रहा हूँ।<BR/><BR/>बापू के सिद्धांतो की मौत नहीं हो सकती, हाँ, उन्हें भूला जरूर दिया गया है इन दिनों, मगर इससे उनकी महत्वता कम नहीं हो सकती।<BR/><BR/>अच्छा लिखा है, बधाई स्वीकारें!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-29733906234611176652007-05-24T21:10:00.000+06:302007-05-24T21:10:00.000+06:30जालिम भाई बधाई एक अच्छी रचना पढ़वाने के लिये.जालिम भाई बधाई एक अच्छी रचना पढ़वाने के लिये.bhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-90145930380304441252007-05-22T20:55:00.000+06:302007-05-22T20:55:00.000+06:30बहुत अच्छा लगा सुनील बापू हर बार जन्म लेते है मगर ...बहुत अच्छा लगा सुनील बापू हर बार जन्म लेते है मगर कहीं न कहीं नाथूराम गोडसे भी जन्म लेता है...और इसीप्रकार हर बार बापू का कत्ल हो जाता है,...ये भी सच है बापू कुछ ही समय पर दिखाई देते है या तो चुनावो के दिनो में जब हर नेता के साथ भोंपू वाला गाता फ़िरता है..देदी हमे आज़ादी बिना खडग बिना ढाल,साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल...फ़िर नेता चुनाव जीतते है और बापू के भजन भी बन्द,या फ़िर बापू याद आते है गांधी जयन्ती को दो मिनिट का मौन रख कर... <BR/>तो आखिरकार बापू जिन्दा है,नजर कभी-कभी ही <BR/>आते है....:)<BR/><BR/>सुनीता चोटिया(शानू)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-20151889520957592007-05-22T20:12:00.000+06:302007-05-22T20:12:00.000+06:30अति सुन्दर रचना!! बधाई!अति सुन्दर रचना!! बधाई!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-79323596927794414282007-05-22T17:43:00.000+06:302007-05-22T17:43:00.000+06:30जो लोगों दिल में घर कर लेते है वो कभी नहीं मरते......जो लोगों दिल में घर कर लेते है वो कभी नहीं मरते......जब तक इलेक्ट्रोनिक मिडिया रहेगा, ब्लोग रहेगा और आपकी कविता भी रहेगी.. बापू की याद बन कर.....साधूवादMohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-66713177662153498142007-05-22T11:53:00.000+06:302007-05-22T11:53:00.000+06:30अच्छी कविता आपको पढ़ने मे धीरे धीरे मजा आ रहा है।...अच्छी कविता आपको पढ़ने मे धीरे धीरे मजा आ रहा है।Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-22501380764983250422007-05-22T09:50:00.000+06:302007-05-22T09:50:00.000+06:30जालिम जी,अच्छा व्यंग्य किया है आपने। मगर यह कविता ...जालिम जी,<BR/><BR/>अच्छा व्यंग्य किया है आपने। मगर यह कविता जल्दी में लिखी गई लगती है, क्योंकि आप प्रहार की धार और तेज़ रखना चाहते थे लेकिन आपके सभी मनोभाव उभरकर सामने नहीं आ पाएँ। कविता में वह दम हो जिससे वो दूसरों को सोचने पर विवश करे। आपने जो बातें लिखी हैं वह अक्षरशः सत्य है, लेकिन तरीका वैसा होना चाहिए था पढ़ने वाले पर असर भी करे। उदाहरण के लिए आप 'लगे रहे मुन्नाभाई' की शैली देख सकते हैं।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-77951242499282776222007-05-22T06:13:00.000+06:302007-05-22T06:13:00.000+06:30बहुत सुंदर रचना, यदि अवसर मिले तो इसे भी देखिएगा।बहुत सुंदर रचना, यदि अवसर मिले तो <A HREF="http://www.anubhuti-hindi.org/kavi/a/abhinavshukla/gandhi.htm" REL="nofollow">इसे भी </A>देखिएगा।अभिनवhttps://www.blogger.com/profile/09575494150015396975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-29175582393833207222007-05-22T05:47:00.000+06:302007-05-22T05:47:00.000+06:30कोई कसाई या पेशेवर हत्यारा अपनी आपाधापी में कहीं ज...कोई कसाई या पेशेवर हत्यारा अपनी आपाधापी में कहीं जा रहा हो और वो किसी से भी टकरा जाए तो वह पलट कहता है sorry. जब तक यह भावना है बापू मर नही सकता। बापू सिर्फ नाम या विचार नही है वो संस्कार है।संतोष कुमार पांडेय "प्रयागराजी"https://www.blogger.com/profile/10148309928175371052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-58589305975426626162007-05-22T02:06:00.000+06:302007-05-22T02:06:00.000+06:30सुन्दर रचना है।बधाई।सुन्दर रचना है।बधाई।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-18845440072391412432007-05-22T00:44:00.000+06:302007-05-22T00:44:00.000+06:30पर अब तो बस केवलवोटों कि चोटों परबापू दिखते हैं न...पर अब तो बस केवल<BR/>वोटों कि चोटों पर<BR/>बापू दिखते हैं नोटों पर<BR/>हर कोई अब गाली देता है<BR/>अधनगें फकीर की आधी धोती पर<BR/>युवा चुटकुले कहता है<BR/><BR/>अच्छा लगा पढ़कर.....सच्चाई भी है...बधाईReetesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/12515570085939529378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-975038114465948062.post-16225366092660003112007-05-22T00:36:00.000+06:302007-05-22T00:36:00.000+06:30सुनील जैसा मैंने उस दिन कहा था, गांधी की आज वैचारि...सुनील जैसा मैंने उस दिन कहा था, गांधी की आज वैचारिक मौत भी हो चुकी है।<BR/>सपना देखा गया था कि गांधी भले मर जाये पर गांधीवाद जीयेगा, पर हुआ उल्टा।<BR/>गांधी जिन्दा है, नोट पर, गालियों में, राजनीति में, पर गांधीवाद मर गया है।<BR/>बहुत अच्छी रचना।देवेश वशिष्ठ ' खबरी 'https://www.blogger.com/profile/03089045465753357873noreply@blogger.com